एक तरफ तो कांग्रेस की कलह शांत होने का नाम नही ले रही । चुनावी वादे पूरे न होने पर पूर्व केंद्रीय मन्त्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा सड़क पर उतरने की सार्वजनिक धमकी देने , मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा – तो उतर जाएं न कहकर जवाब देने के बाद मामला बढ़ता जा रहा है । उधर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के खास विधायक रमेश मेंदोला ने सिंधिया को पत्र लिखकर हनुमान मंदिर में आमंत्रित कर विवाद के अपनी एंट्री भी करा दी ।
सिंधिया लोकसभा चुनाव में हार के बाद से पीसीसी चीफ बनाने की कवायद में लगे थे । उनके समर्थक और मंत्री गाहे – बगाहे उन्हें यह पद देने की मांग करते रहते है । उधर सिंधिया शुरू से ही सरकार को लेकर अपने आक्रामक तेवर अपनाए रहते है । वे अपनी सभाओं में कांग्रेस सरकार पर ही निशाना साधते थे जिसके चलते कई बार उनके दूसरी पार्टी में जाने या फिर क्षेत्रीय दल बनाने की अटकलें लगने लगती है हालांकि स्वयं सिंधिया इनको सिरे से खारिज कर चुके है ।
लेकिन इस बार मामला उलझता ही जा रहा है । टीकमगढ़ जिले में एक सभा मे अतिथि शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी में सिंधिया ने कहाकि अगर सरकार वचनपत्र का वादा पूरा नही करती तो वे स्वयं सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे । इसके जबाव में पहली बार कमलनाथ ने चुप्पी तोड़ी वह भी आक्रामक अंदाज़ में । उन्होंने तल्ख लहजे में कहा – तो उतर जाएं न